
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेक्टर तेज़ी से बढ़ रहा है और अब महाराष्ट्र का छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) इस क्षेत्र में एक नया मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर उभर रहा है। सरकार और उद्योग जगत की संयुक्त पहल से यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में देश की EV अर्थव्यवस्था का एक बड़ा केंद्र बनने की ओर है।
क्यों खास है छत्रपति संभाजीनगर?
यहाँ विकसित हो रही Aurangabad Industrial City (AURIC), भारत की पहली स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप है।
यह Delhi-Mumbai Industrial Corridor (DMIC) का हिस्सा है, जिसके जरिए बड़े पैमाने पर निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास हो रहा है।
बेहतर सड़क कनेक्टिविटी, रेल और हवाई सुविधा के कारण यह जगह ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए आदर्श गंतव्य बन गई है।
EV इंडस्ट्री को मिल रहे फायदे
कई घरेलू और विदेशी कंपनियां EV मैन्युफैक्चरिंग में निवेश कर रही हैं।
EV बैटरी निर्माण, कंपोनेंट्स और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी यूनिट्स स्थापित होने लगी हैं।
अनुमान है कि आने वाले वर्षों में यहां हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
सरकार और उद्योग की भूमिका
महाराष्ट्र सरकार ने EV पॉलिसी के तहत कंपनियों को टैक्स इंसेंटिव्स, जमीन और पावर सप्लाई में विशेष रियायतें दी हैं।
AURIC शहर को “ग्रीन इंडस्ट्री” मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि प्रदूषण कम से कम हो और स्थायी विकास हो।
भविष्य की संभावनाएं
छत्रपति संभाजीनगर आने वाले समय में भारत का EV कैपिटल बन सकता है।
यहाँ से न केवल घरेलू बाजार बल्कि अंतरराष्ट्रीय निर्यात की भी बड़ी संभावनाएं हैं।
बैटरी निर्माण और EV स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलने से यह क्षेत्र निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
