
बिहार की राजधानी पटना अब एक नए तरह की मेट्रो सेवा से जुड़ने जा रही है। सड़क और रेल के बाद अब गंगा नदी पर वाटर-मेट्रो सेवा शुरू होने जा रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत Digha घाट से Kangan घाट तक यात्रियों के लिए आधुनिक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटरम्रन जहाज चलाए जाएंगे। यह पहल पटना के यातायात को नई दिशा देगी और शहर को स्मार्ट सिटी के मॉडल में शामिल करेगी।
🚤 गंगा पर सफर का नया अनुभव
अब यात्रियों को ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी। वाटर-मेट्रो से लोग कुछ ही मिनटों में Digha से Kangan घाट पहुँच पाएँगे। यह सफर न सिर्फ़ आरामदायक होगा बल्कि आधुनिक सुविधाओं से लैस भी रहेगा।
⚡ पर्यावरण-अनुकूल तकनीक
इस वाटर-मेट्रो सेवा में हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटरम्रन जहाज इस्तेमाल होंगे। इसका मतलब है कि डीज़ल पर निर्भरता कम होगी और प्रदूषण में कमी आएगी। गंगा नदी की स्वच्छता और पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए यह प्रोजेक्ट एक बड़ा कदम है।
💼 रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा
यह सेवा शुरू होने के बाद पटना का आकर्षण और बढ़ जाएगा। गंगा पर मेट्रो जैसी सुविधा पर्यटकों के लिए भी खास होगी। इसके अलावा, इस प्रोजेक्ट से सैकड़ों युवाओं को सीधे और हज़ारों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।
🏞️ स्मार्ट सिटी की ओर कदम
पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। वाटर-मेट्रो सेवा शहर को आधुनिक परिवहन नेटवर्क से जोड़ेगी और बिहार की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगी।
✅ निष्कर्ष
पटना में शुरू होने वाली वाटर-मेट्रो सेवा न सिर्फ़ लोगों के सफर को आसान बनाएगी, बल्कि पर्यावरण, पर्यटन और रोजगार में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी। यह पहल आने वाले समय में पटना को भारत के सबसे आधुनिक शहरों की कतार में खड़ा कर सकती है।
